शनिवार, 26 जून 2010





आत्मीय परिजन............

सादर प्रणाम, लिखते हुए बड़ी प्रसन्ता हो रही है की जैसे सारा संसार गुरुमय हो गया हो ऐसी अनुभूति हो रही है। सभी परिजन गुरु कार्य करने को अत्यंत उत्साहित नजर आ रहे है। मै जानती हु की हमारा योगदान समुद्र सेतु तैयार करने में गिलहरी के योगदान से भी कम है परन्तु कार्य में डटे रहना ये हमारा कर्तव्य है।
आज दिनांक २६ जून २०१० के रोज एवरसाइन सिटी गायत्री परिवार द्वारा साय ६ बजे मधुबन टावर वसई में स्थित देवालय के परिसर में दीप यज्ञ का आयोजन किया था । मंडल संचालिका माताजी शांति माता तिवारीजी के उत्साह और गुरु कार्य करने की अदम्य इच्छा को देख हम युवाओ को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। मै माताजी की आभारी हु की उन्होंने हमें इस अवसर पर समिलित किया और गुर कार्य में योगदान देने का मौका दिया।
बड़ी संख्या में महिला ओ ने इस अवसर का लाभ लिया, कुछ महिला ओ ने घर घर साहित्य पहुचाने का संकल्प लिया लेकिन ख़ुशी मुझे तब हुई जब हमारी युवा बालिका ओ ने भी यह संकल्प लिया की हम हम हमारे मित्रो में साहित्य बाटेगे और गायत्री एवं गुरु साहित्य का प्रचार करेंगे।
मंच संचालन शक्ति पीठ के परीवाजक श्री पटेल भाईजी ने किया, शांति माताजी ने नारी शक्ति और सहित्य प्रचार के बारे में उद्बोधन किया। हमारे सन्माननीय श्री नारायण भाई पटेल बाबु जी ने "युग परिवर्तन और हमारा कर्तव्य" के विषय पर उद्बोधन किया. प्रसाद के रूप में गुरूजी के साहित्य सभी भक्तो को दिया गया।
आपकी सेविका बहन
तरुलता निलेश पटेल
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