सोमवार, 27 दिसंबर 2010



आत्मीय परिजन.....
जय गुरुदेव ..........

अत्यंत हर्ष के साथ लिखना चाहूंगी की गुरुदेव रूषी श्रेष्ठ पंडित श्री राम शर्मा आचार्यजी की जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष में शांति कुंज हरिद्वार द्वारा राष्ट्र जागरण दीप महायज्ञ की श्रुंखला पुरे विश्वमे आयोजित की गयी है । जिसकी शुरुआत नवरात्री से भारत वर्ष में की गई है। मुंबई जिले में भी ऐसे ८ कार्यक्रम होने जा रहे है । यह हमारा अहोभाग्य है की मुंबई जिले में कार्यक्रम की शुरुआत हमारे नालासोपारा से हुई और इसका आयोजन गायत्री परिवार ट्रस्ट नालासोपारा द्वारा किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत १७/१२/२०१० के पवन दिवस विराट कलश यात्रा के रूप में हुई जिसमे १०८ कलश के साथ हमारी ५०० माता/बहने सहर्ष सम्मिलित हुई । कलश यात्रा गायत्री शक्तिपीठ नालासोपारा(पूर्व) से शुरू हो कर सुर्पारक क्रीडा मैदान नालासोपारा (पश्चिम) में संपन हुई ।



रास्त्र जागरण दीप यज्ञ की रूप रेखा इस तरह से बनाई गयी की जिसमे ज्यादा से जयादा मात्र में नए लोगो को सम्मिलित किया गया हमारे कई कार्यकर्ता भाई / बहनों ने इस कार्य क्रम से पूर्व संकल्प लिया और अपने अपने क्षेत्रो में से पाच नए दम्पति से मंत्र लेखन अनुष्ठान करवाए और उनको दीप यज्ञ में सम्मिलित किये। इन नए दंपतियो के लिए ५१ दीप वेदी तैयार की गयी । इस प्रकार साधना आन्दोलन करीबन १०० नए दम्पति को परीवार में जोड़ कर संपन किया गया। हम हमारे अन्तकरण से नालासोपारा के सभी कार्यकर्ता ओ का धन्यवाद करते है की उनकी निष्ठां और गुरुभक्ति का परिणाम कार्यक्रम की सफलता के रूप में दिखाई पड़ता है।

कार्यक्रम का सञ्चालन पूज्य श्री श्यामबिहारी दुबे जी ने किया। यह हमारे लिए अहोभाग्य है की हमें ऐसे व्यक्तित्व की वाणी श्रवण करने का पावन अवसर मिला।श्री दुबे जी ने अपनी लाक्षणिक शैली में रामायण के उदहारण को देते हुए रास्त्र को जागृत करने की बात कही जिसको लोग मंत्र मुग्ध हो कर सुनते रहे। हम नालासोपारा वासी शांतिकुंज हरिद्वार के भी सहहिर्दय आभारी है की उन्होंने श्री दुबेजी जैसे व्यक्तित्व को कार्यक्रम संचालित करने के लिए भेजा।


दिनांक १८/१२/२०१० एवं १९/१२/२०१० के रोज सुबह में पंचकुंडी गायत्री यज्ञ का भी आयोजन किया गया था जिसमे बहु संख्या में लोगोने यज्ञ का लाभ लिया। १०० नए लोगोने गुरु दीक्षा लि , २५ विद्या प्रारम्भ संष्कार,५ अन्न प्राशन संष्कार तथा २ पुसवन संष्कार कर लोग लाभान्वित हुए ।

हमारा प्रयास कार्यक्रम की सफलता के द्वारा नए परिजनों को जोड़ने से है । जिससे शताब्दी वर्ष तक ज्यादा से ज्यादा मात्र में हम नए परिजनों को परिवार के साथ जोड़ सके । गुरुदेव हमें सहायता जरुर करेंगे ।
जय गुरुदेव .....
आपकी सेविका बहन
तरुलता पटेल







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