रविवार, 24 अप्रैल 2011


दिनांक : २३-०४-२०११
आत्मीय परिजन......
जय गुरु देव ........
लिखते हुए भावनाओ को व्यक्त करना हमारे लिए कठिन हो रहा है, हम "गायत्री परिवार मुंबई" को धन्यवाद करते है की आपने " गायत्री संध्या " जैसा सुन्दर कार्यक्रम का आयोजन किया और हमें इस कार्यक्रम में सेवा देने का अवसर प्रदान किया।
कार्यक्रम का आरम्भ श्रद्धेय डॉ प्रणव पंड्याजी ने किया। विशेष अतिथि में सर्वोच्च न्यायलय के एकमेव महिला न्यायाधीश श्रीमती ज्ञानसुधा मिश्राजी ने अपने उदबोधन में आद्यात्मिकता के विकास से विशेष परिस्थिति या क्षेत्रो में हमारे में निर्णय शक्ति का किस प्रकार से प्रादुर्भाव होता है यह समजाया एवं एटोमिक एनेर्जी कमिसन के चैरमन डॉ श्री कुमार बनर्जी जी ने विज्ञानं और अध्यात्म को एक सिक्के के दो पहलु बताया और इन दो कड़ी यो को विज्ञानं की दृष्टी से जोड़ा ।
संगीत संध्या का यह कार्यक्रम इतना भव्य था की इसका वर्णन करने में हम असमर्थ है। फिर से एक बार हम भाई श्री जतिन दवेजी, श्री वरुणजी एवं श्री हरित पंचालजी का धन्यवाद करते है ।
जय गुरुदेव .....
आपकी सेविका बहन
एड .तरुलता पटेल

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